Munshi Premchand ki Kahaniyan wa Upanyas मशी परमचद की कहानिया व उपनयास
Storytelling
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1906 से 1936 के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिन्दी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखण्ड को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
Location:
United States
Description:
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1906 से 1936 के बीच लिखा गया प्रेमचंद का साहित्य इन तीस वर्षों का सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है। उनमें दहेज, अनमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छूआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री-पुरुष समानता, आदि उस दौर की सभी प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। आदर्शोन्मुख यथार्थवाद उनके साहित्य की मुख्य विशेषता है। हिन्दी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखण्ड को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
Language:
Hindi
Yeh Bhi Nasha Wo Bhi Nasha - A Story by Munshi Premchand | ये भी नशा वो भी नशा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:06:59
Vasna Ki Kadiyan - A Story by Munshi Premchand | वासना की कड़ियाँ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:25:41
Wafa Ka Khanjar - A Story by Munshi Premchand | वफ़ा का खंजर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:30:30
Vairagya - A Story by Munshi Premchand | वैराग्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:13:31
Triya Charitra - A Story by Munshi Premchand | त्रिया चरित्र - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:39:37
Tirsool - A Story by Munshi Premchand | तिरसूल - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:33:15
Tathya - A Story by Munshi Premchand | तथ्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:23:24
Taangewale Ki Bad - A Story by Munshi Premchand | तांगेवाले की बड़ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:11:51
Shok Ka Puraskar - A Story by Munshi Premchand | शोक का पुरस्कार - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:20:35
Sher Aur Ladka - A Story by Munshi Premchand | शेर और लड़का - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:08:29
Shekh Makhmoor - A Story by Munshi Premchand | शेख मखमूर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:35:56
Sansaarik Prem Aur Desh Prem - A Story by Munshi Premchand | संसारिक प्रेम और देश प्रेम - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:25:32
Sampadak Moteramji Shashtri - A Story by Munshi Premchand | संपादक मोटेराम जी शास्त्री - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:16:53
Sailani Bandar - A Story by Munshi Premchand | सैलानी बंदर - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:21:19
Rahasya - A Story by Munshi Premchand | रहस्य - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:33:42
Raajhath - A Story by Munshi Premchand | राजहठ - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:20:16
Prem Ki Holi - A Story by Munshi Premchand | प्रेम की होली - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:12:46
Pratigya (Kalushit Aatma) Story - A Story by Munshi Premchand | प्रतिज्ञा/कलुषित आत्मा - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:18:40
Pandit Moteram Ki Diary - A Story by Munshi Premchand | पंडित मोटेराम की डायरी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:42:12
Paagal Haathi - A Story by Munshi Premchand | पागल हाथी - मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी
Duration:00:06:02