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हफ्ते भर के समाचार का समावेश| संचालन: अतुल चौरसिया https://www.newslaundry.com/hindi Click here to support Newslaundry: http://bit.ly/paytokeepnewsfree Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 317: प्रज्जवल रेवन्ना प्रकरण और राजनीति में बढ़ता पाखंडवाद

5/4/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय एसआईटी द्वारा 'यौन शोषण' मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करना और महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण सिंह को कैसरगंज से टिकट मिलना आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में 1 मई को ई-मेल के जरिए दिल्ली-एनसीआर के करीब 50 स्कूलों में बम से उड़ाने की मिली धमकी, एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में कोविड टीके के ‘बहुत दुर्लभ’ दुष्प्रभाव को किया स्वीकार, तेलंगाना में कांग्रेस पर बरसते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘जब तक जिंदा हूं ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण मुसलमानों को नहीं देने दूंगा' आदि ख़बरें शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में लेखक एवं बीबीसी की द्विभाषी संवाददाता प्रियंका दुबे और स्वतंत्र पत्रकार काजल अय्यर शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अवधेश कुमार ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के पॉडकास्ट हैड शार्दूल कात्यायन ने किया. चर्चा की शुरुआत में 'यौन शोषण' मामले में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किए जाने को लेकर शार्दूल सवाल करते हैं, “एक लेखिका और पत्रकार होने के नाते आप इस मामले को कैसे देख रही हैं?” इसके जवाब में काजल अय्यर कहती हैं, “ये सिर्फ सेक्स स्कैंडल का मामला नहीं है. ये एक तरह की मानसिक बीमारी है. रेवन्ना के सत्ता के अहंकार के कारण ही यह मुमकिन हो सका है. वह काफी बाहुबली परिवार से हैं. उनके दादा देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. भाजपा हमेशा परिवारवाद के खिलाफ बोलती रहती है लेकिन यहां तो परिवारवाद और अपराध दोनों है तो फिर कुछ क्यों नहीं कह रही है. राजनीति से बिल्कुल परे ये समाज के लिए एक चिंता का विषय है. किसी शक्तिशाली परिवार के एक व्यक्ति द्वारा ऐसी हरकत करने पर उसको कोई सजा नहीं होती है तो समाज में यह संदेश जाएगा कि अगर आप भी चाहें तो किसी महिला का शोषण कर सकते हैं और आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि आपके पास वीडियो है, जिससे महिला की बदनामी होने वाली हैसुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 04:47 - इंट्रो और जरूरी सूचना 04:48 - 15:41 - सुर्खियां 15:42 - 58:47 - 'यौन शोषण' मामले में एसआईटी का प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर 58:48 - 1:09:46 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:09:47 - 1:34:04 - यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण सिंह को कैसरगंज से टिकट 1:34:05 - 1:38:08 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए काजल अय्यर हरिशंकर परसाई की किताब प्रियंका दुबे धूमिल की कविताएं निराला की कविताएं अवधेश कुमार फिल्म- अमर सिंह चमकीला द डिक्टेटर न्यूज़लॉन्ड्री पर इलेक्शन से जुड़ी रिपोर्ट्स एवं इंटरव्यपढ़ें और देखें शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर हृदयेश जोशी कीरिपोर्ट गेम- स्टेलर ब्लेड ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Duration:01:38:08

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एनएल चर्चा 316: पीएम की ‘हेट स्पीच’, इलेक्शन कमीशन की ‘चुप्पी’ और सूरत का ‘फिक्स’ चुनाव

4/27/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय लोकसभा चुनाव के दौरान नेताओं की नफरती बयानबाजी, एबीसी न्यूज़ की ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार अवनी डायस का भारत सरकार पर उनके वर्क वीजा को आगे न बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए देश छोड़ना और सूरत में लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत आदि रहे. इस हफ्ते चर्चा में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष एवं द सिटीजन की मुख्य संपादक सीमा मुस्तफा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से रमन किरपाल, हृदयेश जोशी और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद नेताओं की बयानबाजी को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी का बयान सिर्फ हेट स्पीच का मसला है या फिर एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति है?” इसके जवाब में सीमा मुस्तफा कहती हैं, “ये शुरू से ही एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति है. ध्रुवीकरण की विचारधारा, फूट डालो और शासन करो एवं स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने के प्रयासों को हम दस साल से देख रहे हैं. निर्वाचन क्षेत्रों से संकेत आ रहे हैं कि भाजपा के लिए स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री ने ज्यादा खुलकर बात की है. बात सिर्फ चुनाव की नहीं है लेकिन जब आप चुनाव जीतने के लिए ऐसे तरीके अपनाते हैं तो इससे देश को बहुत नुकसान होता है. साथ ही असुरक्षा बढ़ती है, वो भी सिर्फ एक समुदाय के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए.” सुनिए पूरी चर्चटाइम कोड्स 00 - 02:14 - इंट्रो और जरूरी सूचना 02:15 - 09:47 - सुर्खियां 09:48 - 58:41 - प्रधानमंत्री का राजस्थान के बांसवाड़ा में दिया गया बयान 58:42 - 1:06:56 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:06:57 - 1:08:39 - अपील 1:08:40 - 1:22:04 - ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने वर्क वीजा की अवधि आगे न बढ़ाए जाने का आरोप लगाते हुए भारत छोड़ 1:22:05 - 1:29:27 - सलाह और सुझापत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएसीमा मुस्तफा फिल्म- एनाटोमी ऑफ ए फॉल आनंद वर्धन किताबें- ग्लोबलाइजेशन एंड इट्स डिस्कंटेंट्स इन डिफेंस ऑफ ग्लोबलाइजेशन हृदयेश जोशी किताब- द प्राइस ऑफ इनईक्वैलिटी रमन किरपाल देखिए और पढ़िए इलेक्शन कवरेज से जुड़ी न्यूज़लॉन्ड्री, द न्यूज़ मिनट, मूकनायक और ईस्ट मोजो की साझा रिपोर्ट्स एवं इंटरव्यू हमवेबसाइट पर शो- मैंडेट 2024 एप्पल टीवी पर सीरीज- द न्यू लुक अतुल चौरसिया देखिए और पढ़िए इलेक्शन कवरेज से जुड़ी न्यूज़लॉन्ड्री, द न्यूज़ मिनट, मूकनायक और ईस्ट मोजो की साझा रिपोर्ट्स एवं इंटरव्यू हमवेबसाइ एबीसी पर पॉडकास्ट सीरीज- लुकिंग फॉर मोदी ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Duration:01:29:27

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एनएल चर्चा 315: लोकसभा चुनाव, 29 माओवादियों का एनकाउंटर और इरान-इज़रायल के बीच तनाव

4/20/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय लोकसभा चुनाव क पहले चरण का मतदान और इजरायल एवं ईरान के बीच पैदा हुए तनावपूर्ण हालात रहे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के कांकेर में माओवादियों एवं सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में 29 माओवादी की मौत और एक सुरक्षाकर्मी के घायल होने पर भी चर्चा हुई हफ्ते की अन्य सुर्खियों में भाजपा ने जारी किया लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र, कांग्रेस ने दिल्ली और पंजाब सहित लोकसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों की एक और सूची की जारी और शनिवार को मणिपुर के इंफाल इलाके में दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत आदि ख़बरें भी शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा और स्वतंत्र पत्रकार काशिफ काकवी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया चर्चा की शुरुआत में चुनावी सरगर्मी को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से शुरुआत में बड़ी तेजी से मतदान देखने के मिला खासकर सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना और रामपुर में. साथ ही ऐसी ख़बरें भी आई कि मुस्लिम महिलाओं का बुर्का खुलवाया जा रहा है. जिसकी वजह से मतदान की प्रक्रिया धीमी हो गई. आप इसे कैसे देखती हैं?” इसके जवाब में स्मिता शर्मा कहती हैं, “गर्मी के मौसम की वजह से दोपहर में मतदान की प्रक्रिया धीमी पड़ी. जहां तक बुर्का हटवाने की बात है वो मतदाता के पहचान पत्र से उनके चेहरे का मिलान करने के लिए किया जा रहा. हालांकि, यहां पर बीजेपी की लहर नजर नहीं आ रही है. जो कि राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है. वहीं, नगीना सीट पर मुस्लिम और दलित समुदाय चंद्रशेखर आजाद के साथ दिख रही है. मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान के लिए लड़ाई आसान नहीं है. इसके अलावा भी कई सीटें ऐसी हैं जहां पर समुदाय के आधार पर वोट बहुत बंटे हुए नजर आ रहे हैं. इस बार सांप्रदायिक कि बजाए जातीय ध्रुवीकरण ज्यादा नजर आ रहा है.” सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 02:06 इंट्रो 02:07 - 12:15 सुर्खियां 12:16 - 43:03 लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी 43:04 - 44: 16 अपील और जरूरी सूचना 44:17 - 57:56 इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध 57:57 - 1:08:50 सब्सक्राइबर्स के मेल 1:08:51 - 1:27:50 कांकेर में माओवादियों एवं सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ 1:27:51 - 1:33:41 सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए शार्दूल कात्यायन एनिमेटेड सीरीज- एक्स मैन 97 विकास जांगड़न्यूज़लॉन्ड्री पर आकाश आनंद काइंटरव्य नेटफ्लिक्स पर फिल्म- अमर सिंह चमकीला काशिफ काकवी नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री अतुल चौरसिया नेटफ्लिक्स पर फिल्म- अमर सिंह चमकीला ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह ा Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Duration:01:33:41

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एनएल चर्चा 314: चुनावी माहौल के बीच जनता की खामोशी और सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियां

4/13/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोन चिड़िया) से जुड़े एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहना कि साफ और स्वच्छ पर्यावरण जीने के मूल अधिकार के बराबर ही है. इसके अलावा लोकसभा चुनावों के बीच विपक्षी दलों पर कार्रवाई और जनता के मूड पर विस्तार से चर्चा हुई. इस हफ्ते चर्चा में अशोका यूनिवर्सिटी में मीडिया विभाग की प्रोफेसर माया मीरचंदानी शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से हृदयेश जोशी, स्तंभकार आनंद वर्धन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन पॉडकास्ट हैड शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत में शार्दूल सवाल करते हैं, “क्या सुप्रीम कोर्ट के ऐसा कहने के बाद लोगों के परिदृश्य में थोड़ा परिवर्तन आएगा?” इसके जवाब में हृदयेश जोशी कहते हैं, “जब हम पर्यावरण की बात करते हैं और जब हम जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं. दोनों बातें एक साथ होते हुए भी थोड़ी अलग हैं क्योंकि जलवायु परिवर्तन एक लंबे समय तक के परिवर्तन होते हैं. पर्यावरण एक बहुत बड़ी संपत्ति है. कई बार हमें लगता है कि हमारी जीडीपी तो जोर-शोर से आगे बढ़ रही है लेकिन अगर हम पर्यावरण को खत्म कर देंगे तो जीडीपी ताश पत्तों की तरह गिर जाएगी.” सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 02:25 - इंट्रो 02:26 - 08:25 - सुर्खियां 08:26 - 10:05 - जरूरी सूचना 10:06 - 51:46 - सोन चिड़िया के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 51:47 - 53:26 - सब्सक्राइबर्स के मेल 53: 27 - 1:37:55 - विपक्षी दलों एवं नेताओं पर कार्रवाई के बीच लोकसभा चुनाव में जनता का मिज़ाज 1:37:56 - 1:44:14 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएमाया मीरचंदानी व्हिटनी फिलिप्स का लेख जान वर्नर मुलर की किताब- व्हाट इज पॉपुलिज़्म कुनाल पुरोहित की किताब- एच-पॉप: द सीक्रेटिव वर्ल्ड ऑफ हिंदुत्व पॉप स्टार्स न्यूज़लॉन्ड्री परटीवी न्यूसेंस आनंद वर्धन सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता विकास जांगड़ान्यूज़लॉन्ड्री पर आया राम गया राम रिपोर्ट्स की सीरीज- हिंद और अंग्रेजी चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का इंटरव्यू शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर एक और चुनावी शो-हिंदी और अंग्रेजी शिवनारायण राजपुरोहित की रिपोर्ट गेम- ब्लड एंड बोन ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Duration:01:44:14

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एनएल चर्चा 313: पलटीमार नेता और बोलता हिंदुस्तान का यूट्यूब चैनल बंद

4/6/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देश के बाद यूट्यूब ने बोलता हिंदुस्तान का यूट्यूब चैनल किया बंद और चुनावी मौसम में नेताओं के पार्टी बदलने की प्रक्रिया हुई तेज आदि रहे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आबकारी नीति मामले में आप सांसद संजय सिंह को जमानत दी, ताइवान में बुधवार को भूकंप के कारण 10 की मौत व 1000 से अधिक घायल, ओलंपियन मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता ली, कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ पार्टी छोड़ भाजपा में हुए शामिल, कांग्रेस ने मुंबई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनावी मौसम में तमिल चैनल थांथी टीवी को अपना पहला इंटरव्यू दिया और लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच चुनाव आयोग ने मंगलवार को 17 सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों 8 राज्यों में विशेष समीक्षक के रूप में तैनात किया आदि ख़बरें भी हफ्ते भर की सुर्खियों में शामिल रहीं.वहीं, इस हफ्ते चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा, सुहि सवेर के मुख्य संपादक शिव इंदर सिंह और बोलता हिंदुस्तान के संपादक समर राज शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 04:21 - इंट्रो और जरूरी सूचना 04:22 - 23:46 - सुर्खियां 23:47 - 41:04 - सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देश के बाद यूट्यूब ने बंद किया बोलता हिंदुस्तान का चैनल 41:05 - 1:22:43 - चुनावी मौसम में नेताओं का दल बदल जारी 1:22:44 - 1:28:35 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:28:36 - 1:37:41 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मा फॉरेन अफेयर्स पर रोहन मुखर्जी का लेख नेटफ्लिक्स पर फिल्म- अपकमिंग समर शिव इंदर सिंह इश्तियाक अहमद की किताब- जिन्नाह: हिज सक्सेस, फेलियर्स एंड रोल इन हिस्ट्री शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर माइंड की बात का येपॉडकास्ट गार्जियन पर एमेलिया हिल का ऑटिज़्म पर ले पंडित रवि शंकर- राग यमन कल्याण 1974 अवधेश कुमार हार्ट केयर विद डॉ. मनोज कुमार यूट्यूब चैनल पर ये एपिसोड डॉ. शिव कुमार सरीन का इंटरव्यू अतुल चौरसिया रस्किन बॉन्ड की किताब- घोस्ट्स स्टोरीज़ फ्रॉम द इंडियन हिल् ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

Duration:01:37:41

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एनएल चर्चा 312: कंगना रनौत- ममता बनर्जी पर अभद्र टिप्पणी और मुख्तार अंसारी की मौत

3/30/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषयोंं में अभिनेत्री कंगना रनौत और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अभद्र टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत व भाजपा नेता दिलीप घोष को चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया नोटिस और भारतीय लोकतंत्र का नया सूचकांक बनाने पर विचार कर रही सरकार ने इसके लिए ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन को संपर्क किया आदि रहे. इसके अलावा बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत, कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर फिर से टैक्स टेररिज्म का आरोप लगाया, आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिमांड की अवधि 1 अप्रैल तक बढ़ाई, आबकारी नीति मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए आम आदमी पार्टी के गोवा प्रमुख अमित पालेकर को नोटिस जारी किया, बिहार में आरजेडी व कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर अटकी बात और ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को नोटिस जारी किया आदि ख़बरें भी हफ्ते भर की सुर्खियों में शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में नेत्री फाउंडेशन की संस्थापक कांक्षी अग्रवाल शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री से मनीषा पांडे, हृदयेश जोशी और आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 04:12 - इंट्रो और जरूरी सूचना 04:13 - 21:37 - सुर्खियां 21:38 - 54:56 - कंगना रनौत और ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सुप्रिया श्रीनेत व दिलीप घोष को चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस 54:57 - 1:08:32 - दर्शकों के सवाल-जवाब 1:08:33 - 1:18:20 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:18:21 - 1:32:12 - लोकतंत्र का नया सूचकांक बनाने पर विचार कर रही भारत सरकार 1:32:13 - 1:43:23 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए मनीषा पांडे समर्थ बंसल का एक्सप्लेनर कांक्षी अग्रवाल फिल्म- लापता लेडीजआनंद वर्धऩ इप्शिता नाथ की किताब- मेमसाहिब्स:ब्रिटिश वुमन इन कोलोनियल इंडिया डेविड लीन की फिल्म- लॉरेंस ऑफ अरेबिया हृदयेश जोशी डेविड लीन की फिल्म- लॉरेंस ऑफ अरेबिया अतुल चौरसिया हृदयेश जोशी की डॉक्यूमेंट्री नेटफ्लिक्स पर फिल्म- ऐ वतन मेरे वतन ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 311: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, सोनम वांगचुक का अनशन और आम चुनाव

3/23/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक का आमरण अनशन और आबकारी नीति मामले में गुरुवार रात ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना आदि रहे. इस हफ्ते चर्चा में न्यूज़क्लिक से वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह और वरिष्ठ पत्रकार राजेश जोशी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किय. अतुल सवाल करते हैं, “ क्या ये सब आनन-फानन में सिर्फ इसलिए किया गया ताकि हैडलाइन मैनेज किया जा सके और सरकार के खिलाफ जितनी भी ख़बरें हैं, जो उसकी छवि को खराब करती हैं, उससे लोगों का का ध्यान बंट जाए?” इसके जवाब में राजेश जोशी कहते हैं, “हेडलाइन मैनेजमेंट कहें या मीडिया मैनेजमें, इसमें मोदी सरकार को महारत हासिल है. हालांकि, हर सरकार ऐसा करना चाहती है." सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00- 03:36 - इंट्रो और जरूरी सूचना 03:37 - 23:09 - पर्यावरणविद सोनम वांगचुक का आमरण अनशन 23:10 - 33:01 - सुर्खियां 33:02 - 1:24:00 - ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी 1:24:01 - 1:30:36 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:30:37 - 1:41:30 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर श्वेता देसाई कीरिपोर्ट टीवी सीरीज- द सिनर हरिशंकर परसाई का व्यंग्य विकास जांगड़ नेटफ्लिक्स पर सीरीज- हाउस ऑफ कार्ड्स राजेश जोशी द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की रिपोर्ट और इलेक्टोरल बॉन्ड पर सीरीज भाषा सिंह मोहम्मद आमिर खान की किताब- आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पसुधा भारद्वाज की किताब- फ्रॉम फांसी यार्ड डॉक्यूमेंट्री- डेजा वू अतुल चौरसिया न्यूज़लॉन्ड्री पर इलेक्टोरल बॉन्ड कीसीरीज नेटफ्लिक्स पर सीरीज- करी एन्ड साइनाइड: द जॉली जोसफ केस ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 310: हरियाणा में मुख्यमंत्री परिवर्तन और इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक

3/16/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय हरियाणा में नायब सिंह सैनी बने नए मुख्यमंत्री, चुनाव आयोग ने सार्वजनिक किया इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा और पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू बने नए चुनाव आयुक्त आदि रहे. इसके अलावा केंद्र सरकार ने द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की घोषणा, एक देश-एक चुनाव पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपना और सरकार द्वारा यूएपीए के तहत जम्मू-कश्मीर नेशनल फ्रंट पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाना आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बीबीसी की डिजिटल वीडियो संपादक सर्वप्रिया सांगवान शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से रमन किरपाल, स्तंभकार आनंद वर्धन और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा के प्रमुख विषय चुनाव आयोग द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने और न्यूज़लॉन्ड्री के भी इसपर रिपोर्ट किए जाने को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “अभी जो भी जानकारी सामने आई है उसमें क्या महत्वपूर्ण चीजें आपको दिखीं?” इसके जवाब में रमन किरपाल कहते हैं, “बीजेपी की सरकार चुनावी चंदे के लिए एक ऐसी योजना लेकर आई जिसमें पारदर्शिता बिल्कुल नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब चंदे का डाटा सार्वजनिक हुआ है. आयोग द्वारा जारी किए गए डाटा में हम इस चीज के संकेत खोजने की कोशिश कर रहे हैं कि ईडी और आईटी के छापे के बाद किन कंपनियों ने दान देना शुरू किया. इस डाटा में बड़ी-बड़ी फार्मा, इंफ्रा और माइनिंग कंपनियां हैं. जो सरकार के साथ सौदा करती हैं और उन्हें कई प्रोजेक्ट्स मिलते हैं.”सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 5:29 - इंट्रो और जरूरी सूचना 05:30 - 19:40 - नायब सिंह सैनी बने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री 19:41 - 24:28 - सुर्खियां 24:29 - 1:12:13 - चुनाव आयोग ने सार्वजनिक किया इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा और नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति 1:12:14 - 1:18:32 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए हृदयेश जोशी इंडियन एक्सप्रेस में फिल्म ‘आलम आरा’ पर संपदा शर्मा का लेख आनंद वर्धन किताब- द ऑक्सफोर्ड कम्पैनियन टू पॉलिटिक्स इन इंडिया सर्वप्रिया सांगवान नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री- द मिनिमलिस्ट्स रमन किरपाल न्यूज़लॉन्ड्री पर इलेक्टोरल बॉन्ड और राजनीतिक फंडिंग से जुड़रिपोर्ट्स नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री- टू किल ए टाइगर अतुल चौरसिया न्यूज़लॉन्ड्री पर इलेक्टोरल बॉन्ड और राजनीतिक फंडिंग से जुड़ी सीर नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री- स्पाई ऑप्स ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 309: स्पेनिश महिला से गैंगरेप और इलेक्टोरल बॉण्ड पर एसबीआई की टालमटोल’

3/9/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय झारखंड के दुमका जिले में स्पेनिश महिला के साथ मारपीट एवं सामूहिक दुष्कर्म और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने के लिए 30 जून तक का समय देने की मांग करना आदि रहे. इसके अलावा ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल फिर से होगा एनडीए में शामिल, माओवाद से संबंध मामले में सजा काट रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा नागपुर जेल से बरी, बीजेपी व कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़ी उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार को लेकर साधा निशाना और दिल्ली सरकार ने अपना बजट जारी करते हुए 18 वर्ष से अधिक महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता देने का किया ऐलान आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार एवं द रिपोर्टर्स कलेक्टिव के सदस्य नितिन सेठी एवं तपस्या के अलावा स्वतंत्र पत्रकार रवि प्रकाश शामिल हुए. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा के प्रमुख विषय झारखंड के दुमका जिले में स्पेनिश महिला के साथ मारपीट व सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “इस घटनाक्रम को लेकर अभी क्या स्थिति है और पुलिस की भूमिका कितनी साफ सुथरी और नियम कानूनों के तहत देखने को मिली?” इसके जवाब में रवि प्रकाश कहते हैं, “दुमका का यह मामला एक दुर्भाग्य की बात है कि कोई बाहर से घूमने आए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी वारदात हो जाए. हालांकि, इस घटना के दो दिन बाद ही पुलिस ने इससे जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस बीच एक साहस की बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद भी स्पेनिश जोड़े ने अपना विश्व का दौरा रोका नहीं है और अब वो बिहार के रास्ते नेपाल जा चुके हैं. वहीं, गिरफ्तार किए गए लोगों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. झारखंड पुलिस भी जल्दी कार्रवाई इसलिए कर पाई क्योंकि इन (पति-पत्नी) के हेलमेट में लगे ब्लॉगिंग कैमरे में उन लोगों (आरोपियों) की तस्वीर घटना के दौरान कैद हो गई थी.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइम कोड्स 00 - 04:59 - इंट्रो और जरूरी सूचना 05:00 - 18:39 - सुर्खियां 18:40 - 47:06 - झारखंड के दुमका जिले में स्पेनिश महिला के साथ मारपीट व सामूहिक दुष्कर्म 47:07 - 1:08:49 - इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी साझा करने के लिए एसबीआई ने मांगा जून तक का वक्त 1:08:50 - 1:15:44 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:15:45 - 1:19:38 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए रवि प्रकाश झारखंड मामले पर बीबीसी की रिपोर्ट नितिन सेठी हरुकी मुराकामी की किताब- मेन विदाउट वुमन तपस्या नेटफ्लिक्स पर सीरीज- ब्लू आई समुराई एमा की कॉमिक- यू शुड हेव आस्कड अतुल चौरसिया बीबीसी पर शो- कंक ऑन अर्थ ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 308: बेरोजगारी, पेपर लीक और राज्यसभा का चुनावी गणित

3/2/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय देश के तीन राज्यों में हुए राज्यसभा चुनाव और बेरोजगारों पर भारी पेपर लीक का मामला रहे. इस हफ्ते देश के तीन राज्यों में राज्यसभा की 15 सीटों के लिए चुनाव हुए, इनमें से 10 सीटें भाजपा को जीतने में सफलता मिली. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेपर लीक के बाद 17-18 फरवरी को हुई पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा को रद्द करना आदि मुद्दों ने भी सुर्खियां बटोरी. इस हफ्ते चर्चा में न्यूज़लॉन्ड्री की मैनेजिंग एडिटर मनीषा पांडे, स्तंभकार आनंद वर्धन और पर्यावरण विशेषज्ञ हृदयेश जोशी ने भाग लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के पॉडकास्ट प्रमुख शार्दूल कात्यायन ने किया. नोट: इस हफ्ते चर्चा पेवॉल के पीछे नहीं है. अपने फेवरेट पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म से चर्चा सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें. चर्चा के प्रमुख विषय बेरोजगारी और पेपर लीक को लेकर शार्दूल कात्यायन सवाल करते हैं, “बेरोजगारी की समस्या दिन पर दिन बड़ी होती जा रही है. ऐसे में युवाओं के सामने क्या उपाय हैं?” इसका जवाब देते हुए आनंद वर्धन कहते हैं, “बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. हालांकि, उसके कारण वो नहीं है, जो मीडिया में गिनाए जाते हैं. उसका स्वरूप काफी अलग है. सरकारी नौकरी में पेपर लीक और नकल होना दो अलग-अलग बातें है. सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 3:36- इंट्रो और जरूरी सूचना 03:37 - 18:20 - सुर्खियां और उन पर टिप्पणी 18:21 - 45:26 - बेरोजगारी और पेपर लीक पर चर्चा 45:27 - 1:03:21 - रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार 1:03:22 - 1:06:42 - पत्र और उनके जवाब 1:06:43 - 1:20:14 - राज्यसभा चुनाव का कठिन गणित 1:20:15- 1:27:45 सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए हृदयेश जोशी स्वाति नारायण की किताब- अनइक्वल आनंद वर्धन पेपर लीक पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट मनीषा पांडे यूपी में पेपर लीक पर स्क्रॉल की रिपोर्ट शार्दूल कात्यायन कोरोनिल पर बसंत कुमार की रिपोर्ट लेट्स टॉक अबाउट का नया एपिसोड: इज़रायल और फिलिस्तीन बर्लिन के पर्यावरण पर डीडब्ल्यू की रिपोर्ट ट्रांसक्रिप्शन: विकास जांगड़ा प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 307: संदेशखाली की राजनीति, शेख शाहजहां का इतिहास और ‘चंदा वसूली’ का खेल

2/24/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय संदेशखाली में बढ़ती राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी और बाहुबली नेता शाहजहां शेख पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप रहे. चुनावी चंदे और केंद्रीय एजेंसियों के छापों पर न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट की एक्सक्लूसिव इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा हुई. इस हफ्ते चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा और स्वतंत्र पत्रकार निलाद्री सरकार शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रतीक गोयल और विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन शार्दूल कात्यायन ने किया. सुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 02:42 - इंट्रो और जरूरी सूचना 02:43 - 15:14 - सुर्खियां 15:15 - 52:14 - संदेशखाली और बाहुबली नेता शाहजहां शेख का इतिहास 52:15 - 1:09:38 - चुनावी फंडिंग पर न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट की एक्सक्लूसिव इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट 1:09:39 - 1:18:10 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए निलाद्री सरकार प्रोफेसर द्वैपायन भट्टाचार्य का लेख स्मिता शर्मा फॉरेन अफेयर्स पर रामचंद्र गुहा का लेख आर्टिकल 14 पर कमांडर बत्रा का इंटरव्यू नेटफ्लिक्स पर सीरीज- मेमोरीज ऑफ द अलहम्ब्रा प्रतीक गोयल नेटफ्लिक्स पर सीरीज- हाउस ऑफ निंजास विकास जांगड़ानेटफ्लिक्स पर सीरीज- लव, डेथ एंड रोबोट्स न्यूज़लॉन्ड्री की एक्सक्लूसिव इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट-पहला भाग, दूसरा भाग, तीसरा भाग शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर बसंत कुमा की किसान आंदोलन पर रिपोर्ट्स देखें द गार्जियन पर फ्रेड हार्टर की रिपोर्ट फिल्म- लॉस्ट इन ट्रांसलेशन प्रोड्यूसर: आशीष आनंद ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी एडिटिंग: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 306: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रोक और किसान आंदोलन 2.0

2/17/2024
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देकर रद्द करना और एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगो को लेकर किसानों के दिल्ली कूच का ऐलान आदि रहे. चर्चा में एडीआर के सह-संस्थापक एवं पूर्व प्रोफेसर जगदीप छोकर शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अभिनंदन सेखरी, शार्दूल कात्यायन और हृदयेश जोशी ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देने को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “चुनाव सुधार का एक बहुत बड़ा मुद्दा है, जो लंबे समय से अटका है, साथ में इस इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पिछले पांच सालों में जो नुकसान हुआ है क्या उनकी कोई जवाबदेही तय होने का रास्ता इस फैसले में है?” इसके जवाब में जगदीप छोकर कहते हैं, “इस फैसले से जो बदमाशी 2017 में शुरू की गई थी, वो खत्म हो गई है. इसमें सबसे बड़ी खराबी ये थी कि सत्तारूढ़ दल को दूसरे दलों का चंदा बंद करवाने का अच्छा तरीका मिल गया था. दूसरी खराबी ये थी कि जनता को जो सूचना मिलती है, उसको बंद करवा दिया, तो सूचना के अधिकार का भी इसमें उल्लंघन था. फिलहाल, फैसले के बाद ये दोनों खामियां हटा दी गई हैं. क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड ऐसे ही चलते रहते तो देश में एक ही पार्टी का राज रह जाता. ये लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा था. मुझे ये शांति है कि फिलहाल वो खतरा टल गया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमारा लोकतंत्र बड़ा अच्छा हो गया हैसुनिए पूरी चर्चा- टाइम कोड्स 00 - 05:03 - इंट्रो और जरूरी सूचना 05:04 - 23:52 - सुर्खियां 23:53 - 1:11:40 - सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देकर रद्द किए जाने का फैसला 1:11:41 - 1:25:18 - किसान आंदोलन, एमएसपी समेत उनकी अन्य मांगें, सरकार के साथ बैठक, पिछले आंदोलन के दौरान उन पर दर्ज एफआईआर वापस न लेना 1:25:19 - 1:27:03 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:27:04 - 1:40:16 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए हृदयेश जोशी एडीआर की वेबसाइट इलेक्टोरल बॉन्ड पर नितिन सेठी की रिपोर्ट सीरीज पॉल आर. ब्रास की किताब- एन इंडियन पॉलिटिकल लाइफ: चरण सिंह एंड कांग्रेस पॉलिटिक्स शार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री पर जगदीप छोकर कालेख जॉन स्टीवर्ट की पॉलिटिकल कमेंट्री- द डेली शो साहिर लुधियानवी की किताब- तल्खियां अभिनंदन सेखरी दंगल फिल्म का शीर्षक गीत जगदीप छोकर सलाह- देश के बारे में सोचेंं. अतुल चौरसिया नमित अरोरा की किताब- इंडियन्स इलेक्टोरल बॉन्ड पर नितिन सेठी की रिपोर्ट सीरीज ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: प्रशांत कुमार Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 290: द लेजेंड बिशन सिंह बेदी और 'रथ प्रभार' के मायने

10/28/2023
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय केंद्र सरकार द्वारा अपनी योजनाओं और उपलब्धियों के प्रचार हेतु लिया गया सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने का फैसला और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में पेपर लीक मामले में राजस्थान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे बैभव गहलोत को ईडी द्वारा तलब करना, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा महाराष्ट्र में 7500 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया और चुनाव आयोग द्वारा अभिनेता राजकुमार राव को अपना नेशनल आइकन बनाने की घोषणा आदि शामिल रहीं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग का फैसला- मुज़फ्फरनगर में अवैध मदरसों को बंद करें या दस हजार रुपये प्रतिदिन जुमार्ना भरें, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखना आदि मुद्दे भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में बने रहे. नागपुर में विजयादशमी संबोधन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख का बयान- सांस्कृतिक मार्क्सवादी कर रहे हैं देश का माहौल ख़राब और बिहार की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी जातिगत जनगणना की मांग आदि मुद्दों ने भी हफ्तेभर तक सुर्खियां बटोरी. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ खेल पत्रक चंद्रशेखर लूथरा, अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा, एडीआर के सह संस्थापक एवं पूर्व प्रोफेसर जगदीप छोकर और वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा के प्रमुख विषय केंद्र सरकार द्वारा सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने के फैसले को लेकर अतुल मेहमानों से सवाल करते हैं, “मैं ये जानना चाह रहा था कि क्यों ये एक अप्रत्याशित फै है और ऐसा करना सही नहीं है? साथ ही इस फैसले के दूरगामी दुष्परिणाम या सुपरिणाम क्या हो सकते हैं?” इसके जवाब में जगदीप छोकर कहते हैं, “प्रशासनिक कार्यकारी को राजनीतिक तौर पर स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए. लेकिन सरकार का ये फैसला प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीति में लाने का तरीका है, जिससे कि एक (पार्टी विशेष के प्रति) ‘प्रतिबद्ध नौकरशाह समूह’ का निर्माण हो सके. ये बात इंदिरा गांधी के वक्त में भी हुई थी लेकिन इतनी खुल्लम-खुल्ला नहीं हुई थी. बल्कि अगर हम याद करें तो इंदिरा गांधी का चुनाव ही इस वजह से रद्द किया गया था क्योंकि उन्होंने चुनाव में कुछ अधिकारियों की मदद ली.” छोकर आगे कहते हैं कि नौकरशाही का काम योजनाओं का क्रियान्वन है ना कि उनका प्रचार करना है. प्रचार के लिए सरकार के पास अलग से विभाग हैं, जैसे कि डीएवीपी है, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो है और भी कई संस्थाएं हैं. लेकिन यहां तो प्रशासन को कहा जा रहा है कि काम मत करो बल्कि सरकार के लिए प्रचार करो. टाइम्स कोड्स 00 - 4:20 - इंट्रो और जरूरी सूचना 4:20 - 51:28 - सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने का केंद्र का फैसला 51:28 - 55:10 - सुर्खियां 55:15 - 1:05:42 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:05:42 - 1:26:05 - भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन 1:26:05 - सलाह और सुझाव ट्रांसक्राइब: तस्नीम फातिमा/सत्येंद्र चौधुरी प्रोड्यूसर: चंचल गुप्ता एडिटर: उमराव सिंह Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 289: समलैंगिक विवाह से सुप्रीम कोर्ट का इनकार और निठारी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई

10/21/2023
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निठारी हत्याकांड में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली एवं महेंद्र सिंह पंढेर की रिहाई का आदेश और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोप और इज़रायल-हमास के बीच जारी खूनी संघर्ष आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में गाजा के एक अस्पताल पर हवाई हमले में 500 से ज्यादा लोगों की मौत, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेज किए उद्योगपति गौतम अडाणी पर हमले, इंडिया गठबंधन में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर नहीं बनी बात और न्यूज़क्लिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नोटिस जारी कर मांगा जवाब आदि शामिल रहे. इसके अलावा टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या मामले में दिल्ली की साकेत अदालत ने पांच लोगों को ठहराया दोषी, ईडी एवं सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में कहा- पूरी आम आदमी पार्टी को भी बनाया जा सकता है आरोपी और इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल एवं हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स के ट्विटर अकाउंट को भारत सरकार ने किया निलंबित करने का एलान आदि मुद्दों ने भी हफ्तेभर तक सुर्खियां बटोरी. इस हफ्ते चर्चा में लैंगिक मामलों की जानकार संध्या ने हिस्सा लिया. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से हृदयेश जोशी, स्तंभकार आनंद वर्धन और मनीषा पांडे शामिल हुईं. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के मैनेजिंग एडिटर अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा के प्रमुख विषय समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अतुल कहते हैं कि ऐसे विवाहों को कानूनी मान्यता देने का यह ऐतिहासिक मौका था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया. कानून बनाने की जिम्मेदारी विधायिका पर छोड़ते हुए शीर्ष अदालत ने स्वयं को इससे अलग कर लिया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट क्या कर सकता था और उसने ऐसा क्यों नहीं किया? इसके जवाब में संध्या कहती हैं, “निश्चित तौर पर यह एक ऐतिहासिक मौका था. हमें लगता था कि शीर्ष अदालत समलैंगिक समुदाय के लोगों को बच्चा गोद लेने का अधिकार देगा लेकिन ऐसा करना तो दूर उसने शादी की भी कानूनी इजाजत नहीं दी. उसने मामला विधायिका पर टाल दिया. कोर्ट चाहता तो इसकी व्याख्या स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कर सकता था. लेकिन पता नहीं उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया.” संध्या आगे कहती हैं, “सबसे बड़ा दोहरापन यह है कि हम समलैंगिकों को अपनी संस्कृति का हिस्सा नहीं मानते हैं. जबकि अपना इतिहास देखते हैं तो सबकुछ स्पष्ट हो जाता है. खजुराहो की मूर्तियां देख लें. इसी तरह से कोणार्क में देखा जा सकता है. हमारी संस्कृति में यह पहले से ही रहा है. यह पश्चिमी देशों से हमारे यहां नहीं आया है. पश्चिम के लोग खासतौर से रानी विक्टोरिया, समलैंगिकता को अनैतिक मानती थीं और इसे प्रतिबंधित कर दिया था. इंग्लैंड में समलैंगिक संबंधों की वजह से जोड़ों को जेल में बंद कर दिया जाता था. बाद में यही विचार भारत आया. मैं महाराष्ट्र से हूं इसलिए आपसे कहूंगी कि कोई भी पुरानी मराठी फिल्म देख लीजिए उसमें कम से कम एक ऐसा पात्र मिल जाएगा जो समलैंगिक होगा. इससे किसी को कोई दिक्कत भी नहीं थी क्योंकि यह हमारी संस्कृति में स्वीकार्य था.” इसके जवाब में आनंद वर्धन कहते हैं, “मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ऐसा नहीं है जो लोगों को दो खेमों में बंटने के लिए उत्तेजित करे. मुझे ऐसा ही फैसला आने की उम्मीद थी और यह फैसला तर्कसंगत लगता है. विवाह के अन्य कानून संसद ने बनाए हैं. सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट में इसको शामिल करने से समाधान नहीं हो जाएगा. कोर्ट ने इस तरह के कानून बनाने का अधिकार संसद को ही दिया है. समलैंगिकों को उम्मीद थी कि अनुच्छेद-21 में इसे संवैधानिक अधिकार मिले लेकिन शीर्ष कोर्ट ने कहा कि विवाह पर कानून बनाना विधायिका का मामला है. लेकिन मुझे उम्मीद है कि समलैंगिकों के अधिकारों के लिए कानून बनाए जाएंगे. मैं इसके बारे में उतना निराशावादी नहीं हूं.” समलैंगिकों की विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग समेत तमाम मुद्दों पर सुनिए पूरी चर्चा. टाइम्स कोड्स 00ः00-03:58 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:00-16:07 - निठारी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई 16:07-19:30 - सुर्खियां 19:30-54:12 - समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 54:13 - 01:06:55 - इज़रायल-हमास संघर्ष 01:06:55 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 288: इज़रायल हमास का खूनी संघर्ष और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

10/14/2023
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा और सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह की गर्भावस्था को खत्म करने की मांग पर कहा कि हम किसी बच्चे को नहीं मार सकते आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में प्रवर्तन निदेशालय ने वीवो कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक चीनी नागरिक समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार, बसपा सांसद दानिश अली पर विवादित टिप्पणी मामले में संसद की विशेषाधिकार समिति में के समक्ष पेश नहीं हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी, इजरायल ने कहा कि हमास जब तक बंधकों की रिहा नहीं करेगा तब तक गाजा को बिजली और पानी की आपूर्ति नहीं करेंगे और आनंद विहार से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बिहार में बेपटरी हो जाने से चार लोगों की मौत आदि शामिल रहे. हफ्ते की अन्य ख़बरों में मणिपुर के राज्यपाल ने नागरिकों से कहा कि धार्मिक स्थलों और विस्थापितों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं, दिल्ली हाईकोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के फेस्ट में कपड़े बदलते हुए छात्राओं की वीडियो बनाने वाले मामले में स्वतःसंज्ञान लिया, पांच राज्यों में 7 से 30 नवंबर तक होगा मतदान एवं 3 दिसंबर होगी मतगणना और बीते दिनों अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता के भूकंप में 24,00 से ज्यादा लोगों की मौत आदि ख़बरें शामिल रहीं. इसके अलावा पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में हत्या, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ छह राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत-बांग्लादेश से भी पीछे भारत और इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता और आंचल बोहरा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अवधेश कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा के प्रमुख विषय इजरायल-हमास युद्ध पर बात करते हुए अतुल कहते हैं, “सबसे पहले मैं जानना चाहता हूं कि इजरायल की सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक कहां हो गई? माना जाता है कि इजरायल की तकनीकी जासूसी बहुत विकसित है. वो हर घटना पर नज़र रखने का दावा करते हैं. हमास ने जितनी संख्या में रॉकेट और बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया है, इसने इजरायल की छवि को तार-तार कर दिया है. क्या कोई रास्ता निकाल लिया गया है? क्या हमास इतना विकसित हो गया है कि वो इजरायली सुरक्षा को चुनौती दे पा रहा है?” इसके जवाब में आंचल कहती हैं, “यह तो बहुत बड़ा सवाल है कि इजरायल से क्या गलती हुई और उनके पास कौन-सी तकनीक थी जिसको उन लोगों ने नज़रअंदाज किया. यह इंटेलिजेंस की असफलता तो है ही लेकिन अगर किसी ने आप पर इतना बड़ा हमला करने का मन बना लिया है तो उसे कोई भी इंटेलिजेंस एजेंसी नहीं रोक सकती. दूसरा सवाल है कि क्या इजरायल की इंटेलिजेंस के बेहतरीन होने की सिर्फ कहानियां हैं या इसमें वास्तविकता भी है.” इसी मामले पर स्मिता कहती हैं, “जिस इजरायल को हम पेगासस, खुफिया एजेंसी, खुफिया सॉफ्टवेयर के लिए जानते हैं जो बाहर से आने वाली मिसाइलों को रास्ते में ही उड़ा देता है. उस पर इतना बड़ा हमला कैसे हो गया है यह जानने के लिए कई जांच कमेटियां बनानी पड़ेंगी. इतना तो साफ हो गया है कि इजरायल तकनीकी तौर पर उतना काबिल नहीं है जितना दुनिया मानती है.” स्मिता आगे कहती हैं, “भले ही बेंजामिन नेतन्याहू ने कुछ पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है लेकिन अब उनकी चुनौतियां खत्म होने वाली नहीं हैं. भले ही इस लड़ाई के लिए लगभग तमाम पश्चिमी देश उनके साथ खड़े हैं लेकिन देश के लोग चाह रहे हैं कि बेंजामिन हमास के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. लोगों ने उनसे सवाल पूछना भी शुरू कर दिये हैं.” टाइम्स कोड्स 00ः00 - 03:39 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:40 - 17:10 - सुर्खियां 17:12 - 29:09 - पांच राज्यों में चुनाव 29:10 - 37:55 - सब्सक्राइबर्स के मेल 37:56 - 01:20:30 - फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष 01:20:30 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 287: बिहार जातीय जनगणना और न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई

10/7/2023
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय बिहार सरकार द्वारा जारी जातिगत जनगणना की रिपोर्ट, ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई, सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़, शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में महाराष्ट्र के नांदेड़ में दवाओं की कमी से मौत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा- एनडीए गठबंधन में शामिल होना चाहती थे केसीआर लेकिन हमने किया इनकार, मनरेगा फंड को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन, मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा- हम ‘इंडिया आउट’ स्लोगन पर कायम रहेंगे और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वे भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए तैयार आदि ख़बरें शामिल रहीं. इसके अलावा आईआईटी बॉम्बे में शाकाहारी छात्रों के लिए कैंटीन में अलग से मेज रखने पर विवाद के बाद प्रशासन ने छात्रों पर लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना, मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में किया 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान, नार्वे के लेखक जॉन फॉसे को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार और भारतीय खिलाड़ियों का एशियाई खेलों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन- भारत के खाते में कुल 87 पदक आदि ख़बरों ने भी हफ्तेभर सुर्खियां बटोरी. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के फेलो राहुल वर्मा शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अभिनंदन सेखरी, हृदयेश जोशी और विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल पूछते हैं, “बिहार सरकार ने जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी की है. आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36.01 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.12 प्रतिशत और सवर्ण 15.52 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत हैं. इस संख्या के आधार पर राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने की बहस शुरू हो गई है. नब्बे के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद जिस राजनीति का उदय हुआ था. उसके बाद भाजपा ने ओबीसी और दलितों को हिंदू के नाम पर एक किया था. ओबीसी नेताओं की एक बड़ी टीम खड़ी की थी. जिसमें शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी, उमा भारती आदि शामिल थे. क्या अब इस आंकड़े के बाद ओबीसी और दलित जातियां फिर से अपनी पहचान की ओर वापस लौटेंगी?” इसका जवाब देते हुए राहुल कहते हैं, “अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है. आंकड़े जारी होने के बाद कई लोगों को लगा कि अब एक नया मंडल आंदोलन शुरू हो गया. ऐसा हुआ है या नहीं यह कुछ दिनों बाद पता चलेगा. अगर आप भारतीय राजनीति को देखते हैं और भारतीय समाज की संरचना को समझते हैं तो ये आंकड़े हैरान करने वाले नहीं हैं. 1931 में जब पिछली बार जातिगत गणना हुई थी उसकी तुलना में सवर्ण जातियों का अनुपात थोड़ा घटा है और पिछड़ी जातियों का अनुपात थोड़ा बढ़ा है. लेकिन कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. किसे पता यह मंडल आंदोलन जैसी छाप छोड़े या यह थोड़े दिनों का शिगूफा भी हो सकता है. कांग्रेस ने 2006 मे उच्च शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाया था, जिसे हम मंडल-2 कहते हैं लेकिन कांग्रेस के लिए उसका कोई दूरगामी परिणाम देखने को नहीं मिला.” इस विषय पर और विस्तार से जानने के लिए सुनिए पूरी चर्चा- टाइम्स कोड्स 00ः00 - 07:58 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 08:00 - 24:00 - सुर्खियां 24:05 - 01:06:11 - बिहार में जातिगत जनगणना 01:08:38 - 01:26:40 - न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई 01:26:40 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 286: अडाणी समूह की खुलती परतें, रमेश बिधड़ूी के सांप्रदायिक बोल और कावेरी जल विवाद

9/30/2023
इस हफ्ते चर्चा का प्रमुख विषय अडाणी समूह को लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट रही. जिसमें समूह की निवेशक कंपनी ओपल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड का स्मामित्व सिर्फ एक व्यक्ति के पास होने और शेल कंपनियों द्वारा पैसे की हेरफेर की ओर इशारा किया गया. इसके अलावा मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ यौन हिंसा, देश में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन और लोकसभा में सांप्रदायिक बयान देने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान की टोंक लोकसभा संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बनाए जाने पर भी चर्चा हुई. हफ्तेभर की अन्य सुर्खियों में कनाडा की संसद में नाज़ियों के लिए काम करने वाले व्यक्ति के सम्मान पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को मांगनी पड़ी माफी, एशियाई खेलों में भारत का बेहतर प्रदर्शन जारी, कोचिंग के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या- इस साल आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या हुई 26 और यूपी के संभल में मुस्लिम बच्चे को हिंदू सहपाठी से पिटवाने वाली अध्यापिका गिरफ्तार आदि ख़बरें शामिल रहीं. वहीं, हिंदूत्व वॉच पोर्टल ने की रिपोर्ट- नफरती भाषण के 255 मामलों में से 80 फीसदी भाजपा शासित राज्यों से, कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद फिर से शुरू, मणिपुर में दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद हिंसा के नए दौर की शुरुआत और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की नीति नहीं है कि वो किसी दूसरे देशों में जाकर कार्रवाई करे आदि ख़बरों ने भी हफ्तेभर लोगों का ध्यान खींचा. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार रवि नायर और पत्रकार चारू कार्तिकेय शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अवधेश कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल नायर से पूछते हैं, “हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस ने अडाणी समूह पर रिपोर्ट की है. बताया कि समूह में निवेशक कंपनी ओपल इन्वेस्टेमेंट प्राइवेट लिमिटेड सिर्फ एक व्यक्ति के स्वामित्व वाली कंपनी थी. इस रिपोर्ट के ज़रिए भी शेल कंपनियों द्वारा हेरफेर की जानकारी दी गई है. इससे पहले भी अडाणी समूह के व्यापार में अनियमितता देखी गई है. ओसीसीआरपी की रिपोर्ट में भी शेयरों में हेरफेर की बात कही गई. ऐसे में क्या अडाणी समूह से जुड़ी और भी चीज़ें हैं, जो अभी सार्वजनिक होनी बाकी हैं?” इसके जवाब मे नायर कहते हैं, “ओसीसीआरपी की रिपोर्ट ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कई तरह के सबूत जोड़े. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह के शेयरों में इनके लोगों द्वारा ही निवेश करने की संभावना व्यक्त की गई थी. इसके पीछे कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया था. हिंडनबर्ग का बेहतरीन काम यह था कि उसने विनोद अडाणी की कई शेल कंपनियों के बारे में जानकारी दी. ओसीसीआरपी ने और भी बहुत सारी कंपनियों के बारे में जानकारी निकाली और इस संभावना को सबूत के साथ साबित किया. अडाणी ग्रुप से जुड़े ताईवानी चांग चुंग ली और अरबी नासिर अली शाबान अहली ने अडाणी के शेयरों में निवेश किया था. जो डॉक्यूमेंट हमें मिले उससे पता चला कि इन लोगों ने अडाणी कंपनी में 431 मिलियन डॉलर का निवेश किया था.” इसके अलावा रमेश बिधूड़ी और कावेरी जल विवाद आदि मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सुनिए पूरी बातचीत. टाइम्स कोड्स 00ः00 - 03:12 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:17 - 20:36 - सुर्खियां 20:37 - 52:59 - अडाणी समूह 53:00 - 01:14:10 - रमेश बिधूड़ी के बिगड़े बोल01:14:10 - 01:20:28 - कावेरी जल विवाद 01:20:28 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 285: महिला आरक्षण बिल और तल्ख़ होते भारत-कनाडा के रिश्ते

9/23/2023
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण विधेयक पारित लेकिन जनगणना और परिसीमन के बाद होगा लागू, भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी- भारत ने दिल्ली में तैनात कनाडा के राजनयिकों को किया निलंबित, पुरानी संसद से विदाई और नई संसद में प्रवेश के दौरान केंद्र सरकार ने सांसदों को दी संविधान की प्रति तो विपक्षी पार्टियों ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द हटाने के लगाए आरोप आदि रहे. गुजरात सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर छोड़ने के लिए नर्मदा बांध में पानी रोकने के आरोप और बारिश होने से बांध में ज्यादा पानी जमा होने के चलते राज्य के कई जिलों में आई बाढ़ भी हफ्तेरभर चर्चा में रही. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने गृहमंत्रालय को टीवी न्यूज़ चैनलों के लिए दिशानिर्देश बनाने के दिए निर्देश ने भी हफ्तेभर सुर्खियां बटोरी. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में एक रिपोर्ट के मुताबिक- देश के 42 प्रतिशत स्नातक बेरोजगार, कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला- सोशल मीडिया के उपयोगर्ताओं के लिए निर्धारित हो न्यूनतम उम्र सीमा, कनाडाई सिंगर शुभ का मुंबई में निर्धारित शो रद्द और भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता महेश राउत को मिली जमानत आदि मुद्दे भी शामिल रहे. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी और प्रोफेसर अदिति पासवान शामिल हुईं. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से इस हफ्ते संपादक रमन किरपाल और हृदेश जोशी ने भी चर्चा में भाग लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. महिला आरक्षण विधेयक से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. इसको लागू करने में अभी कई रुकावटें हैं. जनगणना और परिसीमन के बाद ही आरक्षण बिल लागू हो सकेगा. लेकिन मौजूदा रूप में इसे आप कैसे देखते हैं?” अदिति पासवान इसका जवाब देते हुए कहती हैं, “सबसे पहले तो कोई भी बिल आता है तो उसमें वक्त लगता है. ऐसा नहीं है कि आरक्षण बिल पारित होने के अगले दिन से ही बड़ा बदलाव दिखने लगेगा. जरूर यह महिला सशक्तिकरण के लिए यह एक बड़ा कदम है. कानून लागू होने के बाद हर तबके की महिलाओं को चाहे वो दलित हों या आदिवासी सबको मौका मिलेगा. मैं महिला होने के नाते बिल पारित होने के बाद बहुत खुश हूं.” नीरजा इस विषय पर जवाब देते हुए कहती हैं, “महिला आरक्षण बिल पारित कर बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. संसद में चर्चा के लिए जब इसे पेश किया गया था तब हमें बहुत उत्सुक्ता थी. लेकिन जनगणना और परिसीमन की शर्त लागू हो जाने के बाद हमें निराशा हुई है. इससे साफ हो गया कि 2029 तक महिला आरक्षण लागू नहीं होगा और कुछ लोगों का मानना है कि अगर परिसीमन में देरी होती है तो 2034 तक भी जा सकता है.” इसी मुद्दे पर रमन किरपाल कहते हैं, “मैं इस कदम का स्वागत करता हूं. लेकिन महिला आरक्षण लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्त लागू करना जरूरी नहीं था. अगर आप चाहते तो तुरंत महिला आरक्षण लागू कर सकते थे. इसमें 2024 को लेकर राजनीति साफ-साफ दिख रही है.” इसके अलावा भारत कनाडा के रिश्तों में आई तल्ख़ी पर भी विस्तार से बातचीत हुई. सुनिए पूरी चर्चा - टाइम्स कोड्स 00ः00 - 03:12 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:12 - 09:28 - सुर्खियां 09:29 - 23:40 - भारत के प्रधानमंत्रियों की कार्यप्रणाली 23:40 - 49:02 - संसद में महिला आरक्षण 49:02 - 56:08 - सब्सक्राइबर्स के मेल 56:08 - 1:17:22 - भारत और कनाडा विवाद 1:17:22 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 284 : कोटा में बढ़ते खुदकुशी के मामले और 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान

9/16/2023
इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय राजस्थान के कोटा में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले, विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक गांव में पानी पहुंचाने वाली डीएम का तबादला आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के बीना में चुनावी जनसभा में कहा- विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सनातन धर्म को खत्म करने का लिया है संकल्प, केरल में निपाह वायरस से प्रभावित होने वालों की संख्या हुई पांच, अमेरिका में आंध्र प्रदेश की एक छात्रा की पुलिस की गाड़ी से हुई दुर्घटना में मौत और संसद के विशेष सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया से संबंधित बिल पेश किए जाने की घोषणा आदि शामिल रहे. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक कर्नल, मेजर और जम्मू-कश्मीर के डीएसपी समेत चार की मौत, सुप्रीम कोर्ट का गृह मंत्रालय को आपराधिक मामलों में पुलिस की मीडिया ब्रीफिंग से जुड़े दिशानिर्देश बनाने का आदेश, हिमंता बिस्व सरमा के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सरकारी सब्सिडी मिलने के आरोप, एडीआर की रिपोर्ट: 40 प्रतिशत सांसदों पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, कर्नाटक पुलिस ने आज तक के न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, कथित गौ रक्षक मोनू मानेसर गिरफ्तारी के बाद राजस्थान पुलिस के हवाले, लीबिया में दो बड़े बांध टूटने से आई बाढ़ और 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और दीप मुखर्जी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने भी चर्चा में भाग लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा की शुरूआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जले के एक गांव में डीएम ने पाइप लाइन के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई. उसके बाद पहले डीएम दिव्या मित्तल का तबादला करा दिया गया और फिर उनको वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया. मिर्जापुर जिले के भाजपा अध्यक्ष ने शिकायत की कि ये सारे काम ‘हर घर जल योजना’ के तहत हुए थे लेकिन डीएम ने किसी भी जनप्रतिनिधि को निमंत्रित नहीं किया. मुख्यमंत्री को शिकायत भेजने के बाद यह कार्रवाई की गई. वहीं, पाइपलाइन को भी अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया और गांव फिर से पानी से वंचित हो गया. इसके बार में आप क्या सोचती हैं?” इसके जवाब में स्मिता कहती हैं, “सीधे तौर पर यह सत्ता का घमंड है. सत्ता का नशा इंसान को बहुत जल्दी भ्रष्टाचारी बनाता है. हमारे समाज के नेताओं में सहानुभूति का अभाव है. उनको भरोसा है कि सिर्फ वो मशीन में पड़ने वाले वोट से नहीं जीतते हैं बल्कि सत्ता, पैसे की ताकत और जातीय समीकरण से चुनाव जीतते हैं. आज के नेताओं के पास किसी भी तरह से वोट के परिणाम को अपने पक्ष में करने की ताकत मिल गई है. जिससे उनमें सत्ता का घमंड आ गया है.” इस विषय पर अपने विचार रखते हुए दीप कहते हैं, “अक्सर यह देखा जाता है कि किसी भी काम के शिलान्यास का क्रेडिट लेने के लिए जनप्रतिनिधि हमेशा तैयार रहते हैं. इसका इस्तेमाल वो चुनावी लाभ के लिए करते हैं. पाइपलाइन का तोड़े जाना साफ-साफ बताता है कि इन जनप्रतिनिधियों को सत्ता का कितना घमंड है. वो लोग उम्मीद करते हैं किसी भी काम का उद्घाटन हो तो प्रशासन के अधिकारी उनको बुलाएं. लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अधिकारी उनको बुलाएं ही.” इसके अलावा कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं और गठबंधन द्वारा 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार पर भी विस्तार से बातचीत हुई. सुनिए पूरी चर्चा- टाइम्स कोड्स 00:00 - 04:15- इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:20 - 22:31 - सुर्खियां 22:38 - 52:20 - कोटा में बढ़ती छात्रों की आत्महत्याएं 52:25 - 1:07:08 - इंडिया गठबंधन द्वारा टीवी एंकरों का बहिष्कार 1:07:08 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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एनएल चर्चा 283: जी 20 समिट, सनातन धर्म पर टिप्पणी और कुत्तों को ‘कैद’ करता दिल्ली नगर निगम

9/9/2023
इस हफ्ते चर्चा में मुख्य विषय जी-20 सम्मेलन में चीन और रूस के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि की तल्ख टिप्पणी के बाद शुरू हुआ विवाद, जी-20 के मद्देनज़र दिल्ली की सड़कों से कुत्तों को हटाया जाना, मणिपुर में मीडिया कवरेज को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की रिपोर्ट और मणिपुर सरकार द्वारा संस्था से जुड़े पत्रकारों के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज करना आदि रहे. हफ्ते की अन्य सुर्खियों में उत्तर प्रदेश भाजपा के कथित माइनॉरिटी सेल के नेता पर बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में मामला दर्ज, महाराष्ट्र्र्र के जालना में किसानों पर लाठी चार्ज के बाद उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मांगी माफी, सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने कहा- पुरुष कैदियों की तुलना में महिला कैदियों की स्थिति बदतर आदि मुद्दे भी शामिल रहे. चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से मनीषा पांडे और आनंदवर्धन ने भी चर्चा में भाग लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. चर्चा की शुरूआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं आ रहे हैं. हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान आया है कि उनके नहीं आने से सम्मेलन पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा. आप इस प्रकरण को किस नज़रिए से देखते हैं?” इस सवाल के जवाब में आनंद कहते हैं, “रूस के राष्ट्रपति पिछले दो वर्षों में शंघाई शिखर वार्ता के अलावा कहीं नहीं गए हैं. आख़िरी बार पुतिन जिस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए थे वो शंघाई वार्ता ही था. इसलिए उनका जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होना कोई बड़ी बात नहीं है. अगर शी जिनपिंग और पुतिन दोनों नेता वार्ता में शामिल होते तो रोचक होता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली हेडलाइन बनता. दोनों देशों की एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी मिलती. ऐसा नहीं होने से इसकी जटिलता और बढ़ गई है." इस विषय पर और विस्तार से जानने के लिए सुनिए पूरी चर्चा- टाइम्स कोड्स 00:00 - 00:57- इंट्रो 01:00 - 08:49 - ज़रूरी सूचना और सुर्खियां 08:50 - 30:00 - सनातन धर्म पर उदयनिधि के बयान के बाद विवाद 30:00 - 1:02:00 - जी-20 सम्मेलन पर विस्तार से चर्चा 1:02:03 -1:12:06 - सब्सक्राइबर्स के मेल 1:12:06 - 1:32:15 - जी 20 और कुत्तों को कैद करना 1:32:15 - सलाह और सुझाव Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

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